Cotpa धारा ३१ : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम २००३
धारा ३१ :
केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
(१ ) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियम बना सकेगी।
(२) पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियम निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के लिए उपबंध कर सकेंगे, अर्थात:
(a)(क) वह प्ररूप और रीति विनिर्दिष्ट करना जिसमें धारा ३ के खंड (ण) के अधीन सिगरेटों या अन्य तम्बाकू के संबंध में चेतावनी दी जाएगी:
(b)(ख) धारा ७ की उपधारा (५) के परन्तुक के अधीन सिगरेटों या अन्य तम्बाकू उत्पादों में अधिकतम अनुज्ञेय निकोटीन और टार अंतर्वस्तु को विनिर्दिष्ट करना;
(c)(ग) वह रीति विनिर्दिष्ट करना जिसमें धारा ८ की उपधारा (२) अधीन सिगरेटों या अन्य तम्बाकू उत्पादों के प्रत्येक पैकेज या उसके लेबल पर विनिर्दिष्ट चेतावनी अन्तर्लिखित की जाएगी;
(d)(घ) धारा १० के अधीन विनिर्दिष्ट चेतावनी में प्रयोग किए जाने वाले अक्षर या अंक या दोनों की ऊंचाई विनिर्दिष्ट करना या सिगरेटों अथवा अन्य तम्बाकू उत्पादों में निकोटीन और टार अंतर्वस्तु को उपदर्शित करना;
(e)(ङ) उस रीति के लिए जिससे किसी परिसर में प्रवेश किया जाना और तलाशी ली जानी है और उस रीति के लिए जिसमें सिगरेटों के या अन्य तम्बाकू उत्पादों के किसी पैकेज का अभिग्रहण किया जाएगा और उस रीति के लिए जिसमें अभिग्रहण सूची तैयार की जाएगी तथा उस व्यक्ति को दी जाएगी जिसकी अभिरक्षा से सिगरेटों या अन्य तम्बाकू उत्पादों का कोई पैकेज अभिगृहीत किया गया है, उपबंध करना;
(f)(च) किसी अन्य विषय के लिए, जिसका विहित किया जाना अपेक्षित है या जो विहित किया जा सकता है,
उपबंध करना।
(३) इस अधिनियम के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम और धारा ३० के अधीन जारी की गई प्रत्येक अधिसूचना बनाए जाने / जारी करने के पश्चात यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह ऐसी कुल तीस दिन की अवधि के लिए सत्र में हो जो एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकती है, रखा जाएगा / रखी जाएगी। यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्र के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम या अधिसूचना में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं या यदि दोनों सदन इस बात से सहमत हो जाएं कि वह नियम या अधिसूचना, नहीं बनाया जाना चाहिए / जारी नहीं की जानी चाहिए तो ऐसा नियम या अधिसूचना, यथास्थिति, तत्पश्चात ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा / होगी या उसका कोई प्रभाव नहीं होगा तथापि, उस नियम / अधिसूचना के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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