भारत का संविधान
अनुच्छेद ३९४क :
१.(हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ ।
१) राष्ट्रपति –
क) इस संविधान के हिन्दी भाषा में अनुवाद को, जिस पर संविधान सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे, ऐसे उपांतरणों के साथ जो उसे केंद्रीय अधिनियमों के हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठों में अपनाई गई भाषा, शैली और शब्दावली के अनुरूप बनाने के लिए आवश्यक हैं, और ऐसे प्रकाशन के पूर्व किए गए इस संविधान के ऐसे सभी संशोधनों को उसमें सम्मिलित करते हुए, तथा
ख) अंग्रेजी भाषा में किए गए इस संविधान के प्रत्येक संशोधन के हिन्दी भाषा में अनुवाद को,
अपने प्राधिकार से प्रकाशित कराएगा।
२)खंड (१) के अधीन प्रकाशित इस संविधान और इसके प्रत्येक संशोधन के अनुवाद का वही अर्थ लगाया जाएगा जो उसके मूल का है और यदि ऐसे अनुवाद के किसी भाग का इस प्रकार अर्थ लगाने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो राष्ट्रपति उसका उपयुक्त पुनरीक्षण कराएगा ।
३) इस संविधान का और इसके प्रत्येक संशोधन का इस अनुच्छेद के अधीन प्रकाशित अनुवाद, सभी प्रयोजनों के लिए, उसका हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ समझा जाएगा। )
———–
१.संविधान (अठावनवां संशोधन) अधिनियम, १९८७ की धारा ३ द्वारा अंत:स्थापित ।