Constitution अनुच्छेद ३६९ : राज्यसूची के कुछ विषयों के संबंध में विधि बनाने की संसद् की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों ।

भारत का संविधान
भाग २१ :
१(अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबंध ) :
अनुच्छेद ३६९ :
राज्यसूची के कुछ विषयों के संबंध में विधि बनाने की संसद् की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हों ।
इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को इस संविधान के प्रारंभ से पांच वर्ष की अवधि के दौरान निम्नलिखित विषयों के बारे में विधि बनाने की इस प्रकार शक्ति होगी मानो वे विषय समवर्ती सूची में प्रगणित हों, अर्थात् :-
क) सूती और ऊनी वस्त्रों, कच्ची कपास, (जिसके अंतर्गत ओटी हुई रूई और बिना ओटी रूई या कपास हैं ),
बिनौले, कागज (जिसके अंतर्गत अखबारी कागज हैं ), खाद्य पदार्थ (जिसके अंतर्गत खाद्य तिलहन और तेल हैं), पशुओं के चारे (जिसके अंतर्गत खली और अन्य सारकृत चारे हैं) कोयले (जिसके अंतर्गत कोक और कोयले के व्युत्पाद हैं ) लोहे, इस्पात और अभ्रक का किसी राज्य के भीतर व्यापार और वाणिज्य तथा उनका उत्पादन, प्रदाय और वितरण ;
ख) खंड (क) में वर्णित विषयों में से किसी विषय से संबंधित विधियों के विरूध्द अपराध, उन विषयों में से किसी के संबंध में उच्चतम न्यायालय से भिन्न सभी न्यायालयों की अधिकारिता और शक्तियां, तथा उन विषयों में से किसी के संबंध में फीस किंतु इसके अंतर्गत किसी न्यायालय में ली जाने वाली फीस नहीं है,
किंतु संसद् द्वारा बनाई गई कोई विधि, जिसे संसद् इस अनुच्छेद के उपबंधों के अभाव में बनाने के लिए सक्षम नहीं होती, उक्त अवधि की समाप्ति पर अक्षमता की मात्रा तक उन बातों के सिवाय प्रभावी नहीं रहेगी जिन्हें उस अवधि की समाप्ति के पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है ।
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१.संविधान (तेरहवां संशोधन) अधिनियम, १९६२ की धारा २ द्वारा (१-१२-१९६३ से) अस्थायी तथा अंत:कालीन उपबंध के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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