भारत का संविधान
अनुच्छेद ३३९ :
अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण ।
१)राष्ट्रपति १.(***) राज्यों के अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में प्रतिवेदन देने के लिए आयोग की नियुक्ति, आदेश द्वारा, किसी भी समय कर सकेगा और इस संविधान के प्रारंभ से दस वर्ष की समाप्ति पर करेगा ।
आदेश में आयोग की संरचना, शक्तियां और प्रक्रिया परिनिश्चित की जा सकेंगी और उसमें ऐसे आनुषंगिक या सहायक उपबंध समाविष्ट हो सकेंगे जिन्हें राष्ट्रपति आवश्यक वा वांछनीय समझे ।
२) संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार २.(किसी राज्य) को ऐसे निदेश देने तक होगा जो उस राज्य की अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए निदेश में आवश्यक बताई गई स्कीमों के बनाने और निष्पादन के बारे में है ।
—————–
१.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा पहली अनुसूची के भाग क और भाग ख में विनिर्दिष्ट शब्दों और अक्षरों का लोप किया गया ।
२.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा किसी ऐसे राज्य के स्थान पर प्रतिस्थापित ।