भारत का संविधान
अनुच्छेद ३२१ :
लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति ।
यथास्थिति, संसद् द्वारा या किसी राज्य के विधान- मंडल द्वारा बनाया गया कोई अधिनियम संघ लोक सेवा आयोग या राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा संघ की या राज्य की सेवाओं के संबंध में और किसी स्थानीय प्राधिकारी या विधि द्वारा गठित अन्य निगमित निकाय या किसी लोक संस्था की सेवाओं के संबंध में भी अतिरिक्त कृत्यों के प्रयोग के लिए उपबंध कर सकेगा ।