Constitution अनुच्छेद २७९क : माल और सेवा कर परिषद :

भारत का संविधान
अनुच्छेद २७९क :
१.(माल और सेवा कर परिषद :
१) राष्ट्रपति, संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम २०१६ के प्रारंभ की तारीख से साठ दिन के भीतर, आदेश द्वारा, माल और सेवा कर परिषद के नाम से ज्ञात एक परिषद का गठन करेगा ।
२) माल और सेवा कर परिषद् निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनेगी, अर्थात :-
क) संघ का वित्त मंत्री – अध्यक्ष;
ख) संघ का राजस्व या वित्त का भारसाधक राज्यमंत्री – सदस्य;
ग) प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामनिर्दिष्ट वित्त या कराधान का भारसाधक मंत्री या कोई अन्य मंत्री – सदस्य ।
३) खंड (२) के उपखंड (ग) में निर्दिष्ट माल और सेवा कर परिषद के सदस्य, यथाशीघ्र अपने में से एक सदस्य को ऐसी अवधि के लिए, जो वे विनिश्चित करें, परिषद का उपाध्यक्ष चुनेंगे ।
४) माल और सेवा कर परिषद् निम्नलिखित के संबंध में संघ और राज्यों को सिफारिशें करेगी –
क) संघ, राज्यों और स्थानीय निकायों द्वारा उद्ग्रहीत कर, उपकर और अधिभार, जो माल और सेवा कर में सम्मिलित किए जा सकेंगे ;
ख) माल और सेवाएं जो माल और सेवा कर के अध्यधीन हो सकेंगी या जिन्हें माल और सेवा कर से छूट प्राप्त हो सकेगी;
ग) आदर्श माल और सेवा कर विधियां, अनुच्छेद २६९क के अधीन अन्तरराज्यिक व्यापार या वाणिज्य के अनुक्रम में प्रदाय माल पर उद्ग्रहीत माल और सेवा कर के उद्ग्रहण, प्रभाजन के सिद्धांत तथा वे सिद्धांत जो प्रदाय के स्थान को शासित करते हैं;
घ) आवर्त की वह अवसीमा जिसके नीचे माल और सेवाओं को माल और सेवा कर से छूट प्रदान की जा सकेगी;
ङ) माल और सेवा कर के समूहों के साथ दरें जिनके अंतर्गत न्यूनतम दरें भी हैं;
च) किसी प्राकृतिक विपत्ति या आपदा के दौरान अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए किसी विनिर्दिष्ट अवधि के लिए कोई विशेष दर या दरें ;
छ) अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर, मणिपूर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध; और
ज) माल और सेवा कर से संबंधित कोई अन्य विषय, जो परिषद् द्वारा विनिश्चित किया जाए ।
५) माल और सेवा कर परिषद उस तारीख की सिफारिश करेगी जिसको अपरिष्कृत पेट्रोलियम, उच्च गति डीजल, मोटय स्पिरिट (सामान्यतया पेट्रोल के रुप में ज्ञात), प्राकृतिक गैस और विमानन टरबाइन इंधन पर माल और सेवा कर उद्ग्रहीत किया जाए ।
६) इस अनुच्छेद द्वारा प्रदत्त कृत्यों का निर्वहन करते समय, माल और सेवा कर परिषद माल और सेवा कर की सामंजस्यपूर्ण संरचना और माल और सेवाओं के लिए सुव्यवस्थित राष्ट्रीय बाजार के विकास की आवश्यकता द्वारा मार्गदर्शित होगी ।
७) माल और सेवा कर परिषद की, उसकी बैठकों में, गणपूर्ति परिषद् के कुल सदस्यों के आधे सदस्यों से मिलकर बनेगी ।
८) माल और सेवा कर परिषद् अपने कृत्यों के पालन के लिए प्रक्रिया अवधारित करेगी ।
९) माल और सेवा कर परिषद का प्रत्येक विनिश्चय बैठक में उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के अधिमानप्राप्त मतों के कम से कम तीन-चौथाई के बहुमत द्वारा निम्नलिखित सिद्धांतों के अनुसार किया जाएगा, अर्थात् :-
उस बैठक में, –
क) केन्द्रीय सरकार के मत को डाले गए कुल मतों के एक-तिहाई का अधिमान प्राप्त होगा ; और
ख) सभी राज्य सरकारों के मतों को एक साथ लेने पर डाले गए कुल मतों के दो-तिहाई का अधिमान प्राप्त होगा ।
१०) माल और सेवा कर परिषद का कोई भी कार्य या कार्यवाहियां केवल इस कारण से अविधिमान्य नहीं होंगी कि-
क) परिषद् में कोई रिक्ति है या उसके गठन में कोर्स त्रुटि है; या
ख) परिषद् के किसी सदस्य के रुप में किसी व्यक्ति की नियुक्ति में कोई त्रुटि है; या
ग) परिषद् की प्रक्रिया में कोई अनियमितता है जो मामले के गुणावगुण को प्रभावित नहीं करती है ।
११) माल और सेवा कर परिषद्,-
क) भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच; या
ख) एक और भारत सरकार और किसी राज्य या राज्यों तथा दूसरी और एक या अधिक अन्य राज्यों के बीच ; या
ग) दो या अधिक राज्यों के बीच,
परिषद की सिफारिशों या उनके कार्यान्वयन से उद्भूत किसी विवाद के न्यायनिर्णयन के लिए एक तंत्र की स्थापना करेगी ।)
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१. संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम २०१६ की धारा १२ द्वारा (१२-९-२०१६ से) अन्त:स्थापित ।

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