भारत का संविधान
अनुच्छेद २७० :
१.(उद्गृहीत कर और उनका संघ तथा राज्यों के बीच वितरण ।
१)क्रमश: २.(अनुच्छेद २६८, अनुच्छेद २६९ और २६९क) में निर्दिष्ट शुल्कों और करों के सिवाय, संघ सूची में निर्दिष्ट सभी कर और शुल्क; अनुच्छेद २७१ में निर्दिष्ट करों और शुल्कों पर अधिभार प्रयोजनों के लिए उद्गृहीत कोई उपकर भारत सरकार द्वारा उद्गृहीत और संगृहीत किए जाएंगे तथा खंड (२) में उपबंधित रीति से संघ और राज्यों के बीच वितरित किए जाएंगे ।
३.(१क) अनुच्छेद २४६क के खंड (१) के अधीन संघ द्वारा संगृहीत कर भी , संघ और राज्यों के बीच खंड (२) में उपबंधित रीति में वितरित किया जाएगा ।
१ख) अनुच्छेद २४६क के खंड (२) और अनुच्छेद २६९क के अधीन संघ द्वारा उद्ग्रहीत और संगृहीत ऐसा कर, जिसका उपयोग अनुच्छेद २४६क के खंड (१) के अधीन संघ द्वारा उद्ग्रहीत कर का संदाय करने के लिए किया गया है, और अनुच्छेद २६९क के खंड (१) के अधीन संघ को प्रभाजित रकम भी, संघ और राज्यों के बीच खंड (२) में उपबंधित रीति में वितरित की जाएगी ।)
२)किसी वित्तीय वर्ष में किसी ऐसे कर या शुल्क के शुध्द आगमों का ऐसा प्रतिशत, जो विहित किया जाए, भारत की संचित निधि का भाग नहीं होगा, किन्तु उन राज्यों को साँप दिया जाएगा जिनके भीतर वह कर या शुल्क उस वर्ष में उद्ग्रहणीय हैं और ऐसी रीति से और ऐसे समय से, जो खंड (३) में उपबंधित रीति से विहित किया जाए, उन राज्यों के बीच वितरित किया जाएगा ।
३) इस अनुच्छेद में, विहित से अभिप्रेत है –
एक)जब तक वित्त आयोग का गठन नहीं किया जाता है तब तक राष्ट्रपति द्वारा आदेश द्वारा विहित ; और
दो)वित्त आयोग का गठन किए जाने के पश्चात् वित्त आयोग की सिफारिशों पर विचार करने के पश्चात् राष्ट्रपति द्वारा आदेश द्वारा विहित ।)
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१.संविधान (अस्सीवां संशोधन) अधिनियम, २००० की धारा ३ द्वारा (१-४-१९९६ से ) अनुच्छेद २७० के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२.संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम २०१६ की धारा १० द्वारा अनुच्छेद २६८, २६८क और २६९ के स्थान पर प्रतिस्थापित किया गया इसके पूर्व संविधान (अठासीवां संशोधन) अधिनियम, २००३ की धारा ३ द्वारा (प्रवृत्त नहीं हुआ प्रतिस्थापित होने पर ) अनुच्छेद २६८ और अनुच्छेद २६९ शब्दों के स्थान पर अनुच्छेद २६८ अनुच्छेद २६८क और अनुच्छेद २६९ प्रतिस्थापित किए जाएंगे ।
३. संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम २०१६ की धारा १० द्वारा (१६-९-२०१६ से) अन्त:स्थापित ।