Constitution अनुच्छेद २५८ : कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद २५८ :
कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति ।
१) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति , किसी राज्य की सरकार की सहमति से उस सरकार को या उसके अधिकारियों को ऐसे किसी विषय से संबंधित कृत्य, जिन पर संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार है, सशर्त या बिना शर्त साँप सकेगा ।
२)संसद् द्वारा बनाई गई विधि, जो किसी राज्य को लागू होती है ऐसे विषय से संबंधित होने पर भी, जिसके संबंध में राज्य के विधान-मंडल को विधि बनाने की शक्ति नहीं है, उस राज्य या उसके अधिकारियों और प्राधिकारियों को शक्ति प्रदान कर सकेगी और उन पर कर्तव्य अधिरोपित कर सकेगी या शक्तियों का प्रदान किया जाना और कर्तव्यों का अधिरोपित किया जाना प्राधिकृत कर सकेगी ।
३)जहां इस अनुच्छेद के आधार पर किसी राज्य अथवा उसके अधिकारियों या प्राधिकारियों को शक्तियां प्रदान की गई हैं या उन पर कर्तव्य अधिरोपित किए गए हैं वहां उन शक्तियों और कर्तव्यों के प्रयोग के संबंध में राज्य द्वारा प्रशासन में किए गए अतिरिक्त खर्चों के संबंध में भारत सरकार द्वारा उस राज्य को ऐसी राशि का, जो करार पाई जाए या करार के अभाव में ऐसी राशिका, जिसे भारत के मुख्य न्यायमूर्ति द्वारा नियुक्त मध्यस्थ अवधारित करे, संदाय किया जाएगा।

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