Constitution अनुच्छेद २५५ : सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद २५५ :
सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना ।
यदि संसद् के या १(***) किसी राज्य के विधान मंडळ के किसी अधिनियम को –
क)जहां राज्यपाल की सिफारिश अपेक्षित थी वहां राज्यपाल या राष्ट्रपति ने,
ख)जहां राजप्रमुख की सिफारिश अपेक्षित थी वहां राजप्रमुख या राष्ट्रपति ने ,
ग) जहां राष्ट्रपति की सिफारिश या पूर्व मंजूरी अपेक्षित थी वहां राष्ट्रपति ने,
अनुमति दे दी है तो ऐसा अधिनियम और ऐसे अधिनियम का कोई उपबंध केवल इस कारण अविधिमान्य नहीं होगा कि इस संविधान द्वारा अपेक्षित कोई सिफारिश नहीं की गई थी या पूर्व मंजूरी नहीं दी गई थी ।
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१.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा पहली अनुसूची के भाग क या भाग ख में विनिर्दिष्ट शब्दों और अक्षरों का लोप किया गया ।

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