भारत का संविधान
अनुच्छेद २५० :
यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद् की शक्ति ।
१) इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, संसद् को, जब तक आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है,१.(अनुच्छेद २४६क के अधीन उपबंधित माल या सेवा कर या) राज्य सूची में प्रगणित किसी भी विषय के संबंध में भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि बनाने की शक्ति होगी ।
२) संसद् द्वारा बनाई गई कोई विधि, जिसे संसद् आपात की उद्घोषणा के प्रवर्तन में न रहने के पश्चात् छह मास की अवधि की समाप्ति पर अक्षमता की मात्रा तक उन बातों के सिवाय प्रभावी नहीं रहेगी जिन्हें उक्त अवधि की समाप्ति से पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है ।
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१. संविधान (एक सौ एकवां संशोधन) अधिनियम २०१६ की धारा ५ द्वारा (१६-९-२०१६ से) अन्त:स्थापित ।