भारत का संविधान
भाग १० :
अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र :
अनुच्छेद २४४ :
अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन।
१)पांचर्वी अनुसूची के उपबंध १.(असम , २.(३.(मेघालय, त्रिपूरा और मिजोरम) राज्यों ) से भिन्न ४.(***) किसी राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के लिए लागू होंगे ।
२)छठी अनुसूची के उपबंध १.(असम ,२.(५.(मेघालय, त्रिपूरा और मिजोरम राज्यों )के ) जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के लिए लागू होंगे ।
———
१.पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, १९७१ (१९७१ का ८१) की धारा ७१ द्वारा (२१-१-१९७२ से ) असम राज्य के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२.मिजोरम राज्य अधिनियम, १९८६ (१९८६ का ३४ ) की धारा ३९ द्वारा (२०.२.१९८७ से ) मेघालय और त्रिपुरा शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३.संविधान (उनचासवां संशोधन) अधिनियम, १९८४ की धारा २ द्वारा और मेघालय के स्थान पर (१-४-१९८५ से ) प्रतिस्थापित ।
४.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा पहली अनुसूची के भाग क या भाग ख में विनिर्दिष्ट शब्दों और अक्षरों का लोप किया गया ।
५.मिजोरम राज्य अधिनियम, १९८६ (१९८६ का ३४) की धारा ३९ द्वारा (२०-२-१९८७ से ) मेघालय और त्रिपुरा राज्यों और मिजोरम संघ राज्यक्षेत्र शब्दो के स्थान पर प्रतिस्थापित ।