भारत का संविधान
अनुच्छेद २४३ यड :
सहकारी सोसाइटियों के लेखाओं की संपरीक्षा ।
१)किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, सहकारी सोसाइटियों द्वारा लेखाओं के रखे जाने और ऐसे लेखाओं की प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कम एक बार संपरीक्षा किए जाने के संबंध में उपबंध कर सकेगा ।
२)किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, ऐसे संपरीक्षकों और संपरीक्षा करने वाली ऐसी फर्मों की, जो सहकारी सोसाइटियों के लेखाओं की संपरीक्षा करने के लिए पात्र होंगी, न्यूनतम अर्हताएं और अनुभव अधिकथित करेगा ।
३)प्रत्येक सहकारी सोसाइटी, सहकारी सोसाइटी के साधारण निकाय द्वारा नियुक्त, खंड (२) में निर्दिष्ट किसी संपरीक्षक या संपरीक्षा करने वाली फर्मों द्वारा संपरीक्षा करवाएगी :
परंतु ऐसे संपरीक्षकों या संपरीक्षा करने वाली फर्मो को राज्य सरकार द्वारा या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित पैनल में से नियुक्त किया जाएगा ।
४)प्रत्येक सहकारी सोसाइटी के लेखाओं की संपरीक्षा उस वित्तीय वर्ष की, जिससे ऐसे लेखे संबंधित हैं, समाप्ति के छह मास के भीतर की जाएगी ।
५) राज्य अधिनियम द्वारा यथा परिभाषित किसी सर्वोच्च सहकारी सोसाइटी के लेखाओं की संपरीक्षा रिपोर्ट राज्य विधान-मंडल के समक्ष ऐसी रीति से रखी जाएगी जो राज्य विधान-मंडल द्वारा, विधि द्वारा उपबंधित की जाए ।