Constitution अनुच्छेद २४३ यञ : बोर्ड के सदस्यों और उसके पदाधिकारियों की संख्या और पदावाधि ।

भारत का संविधान
अनुच्छेद २४३ यञ :
बोर्ड के सदस्यों और उसके पदाधिकारियों की संख्या और पदावाधि ।
१)बोर्ड में उतनी संख्या में निदेशक होंगे, जितने राज्य विधान-मंडल द्वारा, विधि द्वारा, उपबंधित किए जाएं :
परन्तु सहकारी सोसाइटी के निदेशकों की अधिकतम संख्या इक्कीस से अधिक नहीं होगी :
परंतु यह और कि किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, ऐसी प्रत्येक सहकारी सोसाइटी के बोर्ड में जो सदस्यों के रूप में व्यष्टियों से मिलकर बनी हो और उसमें अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों अथवा स्त्रियों के वर्ग या प्रवर्ग से सदस्यों हो, एक स्थान अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों और दो स्थान स्त्रियों के लिए आरक्षित करेगा ।
२)बोर्ड के निर्वाचित सदस्यों तथा उसके पदाधिकारियों की पदावधि, निर्वाचन की तारीख से पांच वर्ष की होगी और पदाधिकारियों की पदावधि बोर्ड की अवधि के साथ सहावसानी होगी:
परंतु बोर्ड, बोर्ड की आकस्मिक रिक्ति को नामनिर्देशन द्वारा उसी वर्ग के सदस्यों में से, जिसके संबंध में आकस्मिक रिक्ति हुई है, भर सकेगा, यदि बोर्ड की पदावधि उसकी मूल पदावधि के आधे से कम है ।
३) किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, ऐसी सोसाइटी के बोर्ड के सदस्यों के रूप में बैंककारी, प्रबंधन, वित्त के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले या सहकारी सोसाइटी के उद्देश्यों और उसके द्वारा किए जाने वाले क्रियाकलाप से संबंधित किसी अन्य क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले बोर्ड के सदस्य होने वाले व्यक्तियों को सहयोजित करने के लिए, उपबंध कर सकेगा :
परंतु ऐसे सहयोजित सदस्य खंड (१) के पहले परंतुक में विनिर्दिष्ट इक्कीस निदेशकों के अतिरिक्त दो से अधिक नहीं होंगे :
परंतु यह और कि ऐसे सहयोजित सदस्यों को ऐसे सदस्य के रूप में उनकी हैसियत में सहकारी सोसाइटी के किसी निर्वाचन में मतदान करने का या बोर्ड के पदाधिकारियों के रूप में निर्वाचित होने के लिए पात्र होने का अधिकार नहीं होगा :
परंतु यह भी कि किसी सहकारी सोसाइटी के कृत्यकारी निदेशक, बोर्ड के सदस्य भी होंगे और ऐसे सदस्यों को खंड (१) के पहले परंतुक में विनिर्दिष्ट कुल निदेशकों की कुल संख्या की गणना करने के प्रयोजन के लिए अपवर्जित किया जाएगा ।

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