भारत का संविधान
अनुच्छेद २४३ यघ :
जिला योजना के लिए समिति ।
१)प्रत्येक राज्य में जिला स्तर पर, जिले में पंचायतों और नगरपालिकाओं द्वारा तैयार की गई योजनाओं का समेकन करने और संपूर्ण जिले के लिए एक विकास योजनो प्रारूप तैयार करने के लिए, एक जिला योजना समिति का गठन किया जाएगा ।
२)राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, निम्नलिखित की बाबत उपबंध कर सकेगा, अर्थात् :-
क)जिला योजना समितियों की संरचना :
ख) वह रीति जिससे ऐसी समितियों में स्थान भरे जाएंगे :
परंतु ऐसी समिति की कुल सदस्य संख्या के कम से कम चार बटा पांच सदस्य, जिला स्तर पर पंचायत के और जिले में नगरपालिकाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा, अपने में से, जिले में ग्रामीण क्षेत्रों की और नगरीय क्षेत्रों की जनसंख्या के अनुपात के अनुसार निर्वाचित किए जाएंगे;
ग)जिला योजना से संबंधित ऐसे कृत्य जो ऐसी समितियों को समनुदिष्ट किए जाएं ;
घ) वह रीति, जिससे ऐसी समितियों के अध्यक्ष चुने जाएंगे ।
३)प्रत्येक जिला योजना समिति, विकास योजना प्रारूप तैयार करने में, –
क)निम्नलिखित का ध्यान रखेगी, अर्थात् :-
१)पंचायतों और नगरपालिकाओं के सामान्य हित के विषय, जिनके अंतर्गत स्थानिक योजना, जल तथा अन्य भौतिक और प्राकृतिक संसाधनों मे हिस्सा बंटाना, अवसंरचना का एकीकृत विकास और पर्यावरण संरक्षण है ;
२)उपलब्ध वित्तीय या अन्य संसाधनों की मात्रा और प्रकार;
ख) ऐसी संस्थाओं और संगठनों से परामर्श करेगी जिन्हें राज्यपाल, आदेश द्वारा, विनिर्दिष्ट करे ।
४)प्रत्येक जिला योजना समिति का अध्यक्ष, वह विकास योजना, जिसकी ऐसी समिति द्वारा सिफारिश की जाती है, राज्य सरकार को भेजेगा ।