भारत का संविधान
अनुच्छेद २४१ :
संघ राज्यक्षेत्रों के लिए उच्च न्यायालय ।
१)संसद् विधि द्वारा, किसी १.(संघ राज्यक्षेत्र ) के लिए उच्च न्यायालय गठित कर सकेगी या २.(ऐसे संघ राज्यक्षेत्र) में किसी न्यायालय को इस संविधान के सभी या किन्हीं प्रयोजनों के लिए उच्च न्यायालय घोषित कर सकेगी ।
२)भाग ६ के अध्याय ५ के उपबंध, ऐसे उपांतरणों या अपवादों के अधीन रहते हुए, जो संसद् विधि द्वारा उपबंधित करे, खंड(१) में निर्दिष्ट प्रत्येक उच्च न्यायालय के संबंध में वैसे ही लागू होंगे जैसे वे अनुच्छेद २१४ में निर्दिष्ट किसी उच्च न्यायालय के संबंध में लागू होते हैं ।
३.(३) इस संविधान के उपबंधों के और इस संविधान द्वारा या इसके अधीन समुचित विधान-मंडल को प्रदत्त शक्तियों के आधार पर बनाई गई उस विधान- मंडल की किसी विधि के उपबंधों के अधीन रहते हुए, प्रत्येक उच्च न्यायालय, जो संविधान (सातवां संशोधन ) अधिनियम, १९५६ के प्रारंभ से ठीक पहले किसी संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करता था, ऐसे प्रारंभ के पश्चात् उस राज्यक्षेत्र के संबंध में उस अधिकारिता का प्रयोग करता रहेगा
४)इस अनुच्छेद की किसी बात से किसी राज्य के उच्च न्यायालय की अधिकारिता का किसी संघ राज्यक्षेत्र या उसके भाग पर विस्तार करने या उससे अपवर्जन करने की संसद् की शक्ति का अल्पीकरण नहीं होगा ।)
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१.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा पहली अनुसूची के भाग ग में विनिर्दिष्ट राज्य शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा ऐसा राज्य शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३.संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, १९५६ की धारा २९ और अनुसूची द्वारा खंड (३) और खंड (४) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।