भारत का संविधान
अनुच्छेद १९२:
१.(सदस्यों की निरर्हताओं से संबंधित प्रश्नों पर विनिश्चय ।
(१)यदि यह प्रश्न उठता है कि किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य अनुच्छेद १९१ के खंड (१) में वर्णित किसी निरर्हता से ग्रस्त हो गया है या नहीं तो वह प्रश्न राज्यपाल को विनिश्चय के लिए निर्देशित किया जाएगा और उसका विनिश्चिय अंतिम होगा ।
२) ऐसे किसी प्रश्न पर विनिश्चय करने से पहले राज्यपाल निर्वाचन आयोग की राय लेगा और ऐसी राय के अनुसार कार्य करेगा ।)
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१.अनुच्छेद १९२, संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७६ की धारा ३३ द्वारा (३-१-१९७७ से ) और तत्पश्चात्, संविधान (चवालीसवां संशोधन ) अधिनियम, १९७८ की धारा २५ द्वारा (२०-६-१९७९ से ) संशोधित होकर उपरोक्त रूप में आया ।