भारत का संविधान
अनुच्छेद १३४-क :
१.(उच्चतम न्यायालय में अपील के लिए प्रमाणपत्र ।
प्रत्येक उच्च न्यायालय, जो अनुच्छेद १३२ के खंड (१) या अनुच्छेद १३३ के खंड (१) या अनुच्छेद १३४ के खंड (१) में निर्दिष्ट निर्णय, डिक्री, अंतिम आदेश या दंडादेश पारित करता है, इस प्रकार पारित किए जाने या दिए जाने के पश्चात् यथाशक्य शीघ्र, इस प्रश्न का अवधारण कि उस मामले के संबंध में, यथास्थिति, अनुच्छेद १३२ के खंड (१) या अनुच्छेद १३३ के खंड (१) या अनुच्छेद १३४ के खंड (१) के उपखंड (ग) में निर्दिष्ट प्रकृति का प्रमाणपत्र दिया जाए या नहीं,-
क)यदि वह ऐसा करना ठीक समझता है तो स्वप्रेरणा से कर सकेगा; और
ख) यदि ऐसा निर्णय, डिक्री, अंतिम आदेश या दंडादेश पारित किए जाने या दिए जाने के ठीक पश्चात् व्यथित पक्षकार द्वारा या उसकी और से मौखिक आवेदन किया जाता है तो करेगा। )
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१.संविधान (चवालीसवां संशोधन ) अधिनियम, १९७८ की धारा २० द्वारा (१-८-१९७९ से ) अंत:स्थापित ।