भारत का संविधान
अनुच्छेद १३२ :
कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों से अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता ।
१) भारत के राज्यक्षेत्र में किसी उच्च न्यायालय की सिविल, दांडिक या अन्य कार्यवाही में दिए गए किसी निर्णय, डिक्री या अंतिम आदेश की अपील उच्चतम न्यायालय में होगी १.(यदि वह उच्च न्यायालय अनुच्छेद १३४क के अधीन प्रमाणित कर देता है ) कि उस मामले में इस संविधान के निर्वचन के बारे में विधि का कोई सारवान प्रश्न अंतर्वलित है ।
२.(* * *)
(३) जहां ऐसा प्रमाणपत्र दे दिया गया है ३.(***) वहां उस मामले में कोई पक्षकार इस आधार पर उच्चतम न्यायालय में अपील कर सकेगा कि पूर्वोक्त किसी प्रश्न का विनिश्चय गलत किया गया है ३.(***) ।
स्पष्टीकरण :
इस अनुच्छेद के प्रयोजनों के लिए, अंतिम आदेश पद के अंतर्गत ऐसे विवाद्यक का विनिश्चय करने वाला आदेश है जो, यदि अपीलार्थी के पक्ष में विनिश्चित किया जाता है तो, उस मामले के अंतिम निपटारे के लिए पर्याप्त होगा ।
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१. संविधान (चवालीसवां संशोधन ) अधिनियम, १९७८ की धारा १७ द्वारा (१-८-१९७९ से ) यदि उच्च न्यायालय प्रमाणित कर दे के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२.संविधान (चवालीसवां संशोधन ) अधिनियम, १९७८ की धारा १७ द्वारा (१-८-१९७९ से ) खंड (२) का लोप किया गया ।
३.संविधान (चवालीसवां संशोधन ) अधिनियम, १९७८ की धारा १७ द्वारा (१-८-१९७९ से ) कुछ शब्दों का लोप किया गया ।
