भारत का संविधान
साधारणतया प्रक्रिया :
अनुच्छेद ११८ :
प्रक्रिया के नियम ।
१) इस संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए संसद् का प्रत्येक सदन अपनी प्रक्रिया १.(*) और अपने कार्य संचालन के विनियमन के लिए नियम बना सकेगा ।
२)जब तक खंड (१) के अधीन नियम नहीं बनाए जाते हैं तब तक इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले भारत डोमिनियन के विधान- मंडल के संबंध में जो प्रक्रिया के नियम और स्थायी आदेश प्रवृत्त थे, वे ऐसे उपांतरणों और अनुकूलनों के अधीन रहते हुए संसद् के संबंध में प्रभावी होंगे जिन्हें, यथास्थिति, राज्य सभा का सभापति या लोक सभा का अध्यक्ष उनमें करे ।
३) राष्ट्रपति, राज्य सभा के सभापति और लोक सभा के अध्यक्ष से परामर्श करने के पश्चात्, दोनों सदनों की संयुक्त बैठकों से संबंधित और उनमें परस्पर संचार से संबंधित प्रक्रिया के नियम बना सकेगा ।
४) दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में लोक सभा का अध्यक्ष या उसकी अनुपस्थिति में ऐसा व्यक्ति पीठासीन होगा जिसका खंड (३) के अधीन बनाई गई प्रक्रिया के नियमों के अनुसार अवधारण किया जाए ।
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१. संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७६, धारा २२ (तारीख अधिसूचित नहीं) द्वारा कोष्ठक और शब्द (सदन की बैठक गठित करने के लिए गणपूर्ति सहित) अन्त:स्थापित । यह संशोधन संविधान (चवालीसवां संशोधन) अधिनियम, १९७८, धारा ४५ द्वारा (२०-६-१९७९ से) लोप कर दिया गया ।