बालक श्रम अधिनियम १९८६
भाग २ :
कुछ उपजीविकाओं और प्रक्रियाओं में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध :
धारा ३ :
१.(किसी उपजीविका या प्रक्रिया में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध :
१) किसी बालक को किसी उपजीविका या प्रक्रिया में नियोजित या कार्य करने के लिए अनुज्ञात नहीं किया जाएगा ।
२) उपधारा (१) की कोई बात वहां लागू नहीं होगी, जहां बालक, –
(a)क) अपने विद्यालय के समय के पश्चात् या प्रावकाशों के दौरान अपने कुटुंब या कुटुंब के ऐसे उद्दमों की सहायता करता है, जो अनुसूची में उपवर्णित परिसंकटमय उपजीविकाओं या प्रक्रियाओं से भिन्न है;
(b)ख) किसी दृश्य-श्रव्य मनोरंजन उद्योग में, जिसके अंतर्गत विज्ञापन, फिल्म टेलीविजन सीरियला या सर्कस के सिवाय ऐसे कोई अन्य मनोरंजन या खेल संबंधी क्रियाकलाप भी है, जो ऐसी शर्तों और सुरक्षा उपायों के अधीन रहते हुए, जो विहित किए जाएं, कलाकार के रुप में कार्य करता है :
परन्तु इस खंड के अधीन ऐसा कोई कार्य बालक की विद्यालय शिक्षा को प्रभावित नहीं करेगा ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए, –
(a)क) किसी बालक के संबंध में कुटुंब से उसकी माता-पिता, भाई, बहन और पिता की बहन और भाई तथा माता की बहन और भाई अभिप्रेत है;
(b)ख) कुटुंब के उद्दम पद से कोई ऐसा कार्य, वृत्ति, विनिर्माण या कारबार अभिप्रेत है जो कुटुंब के सदस्यों द्वारा अन्य व्यक्तियों को साथ लगाकर के किया जाता है;
(c)ग) कलाकार पद से ऐसा बालक अभिप्रेत है जो अपने को अभिनेता, गायक, खिलाडी के रुप में उपधारा (२) के खंड (ख) के अन्तर्गत आने वाले मनोरंजन या खेल संबंधी कार्यकलापों से संबंधित ऐसे अन्य क्रियाकलाप में जो विहित किया जाए, प्रत्यक्षरत: अन्तर्वलित करके अभिरुची या वृत्ति के रुप में कोई कार्य करता है या अभ्यास करता है ।)
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१. २०१६ के अधिनियम सं० ३५ की धारा ५ द्वारा धारा ३ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।