Bns 2023 धारा ४५ : किसी बात का दुष्प्रेरण (उकसाना) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ अध्याय ४ : दुष्प्रेरण, आपराधिक षड्यंत्र और प्रयास के विषय में : दुष्प्रेरण के विषय में : धारा ४५ : किसी बात का दुष्प्रेरण (उकसाना) : वह व्यक्ती किसी बात के किए जाने का दुष्प्रेरण (उकसाना) करता है, जो - (a)…

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Bns 2023 धारा ४४ : घातक हमले के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार जबकि निर्दोष व्यक्ती को अपहानि होने की जोखिम है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४४ : घातक हमले के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार जबकि निर्दोष व्यक्ती को अपहानि होने की जोखिम है : जिस हमले से मृत्यु की आशंका युक्तियुक्त (सर्व मान्य) रुप से कारित होती है उसके विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा…

Continue ReadingBns 2023 धारा ४४ : घातक हमले के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार जबकि निर्दोष व्यक्ती को अपहानि होने की जोखिम है :

Bns 2023 धारा ४३ : संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४३ : संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना : संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार,- (a) क) तब प्रारंभ होता है, जब संपत्ति के संकट की युक्तियुक्त (सर्व मान्य) आशंका प्रारंभ होती है…

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Bns 2023 धारा ४२ : कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४२ : कब ऐसे अधिकार का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है : यदी वह अपराध, जिसके किए जाने या जिसके किए जाने के प्रयत्न से निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार के प्रयोग का…

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Bns 2023 धारा ४१ : कब संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यूकारित करने तक का होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४१ : कब संपत्ती की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यूकारित करने तक का होता है : संपत्ति की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार, धारा ३७ में वर्णित निर्बंधनों के अध्यधीन दोषकर्ता की मृत्यू या अन्य…

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Bns 2023 धारा ४० : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४० : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का प्रारंभ और बना रहना : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार उसी क्षण प्रारंभ (शुरु) हो जाता है, जब अपराध करने के प्रयत्न या धमकीं से शरीर के संकट…

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Bns 2023 धारा ३९ : कब ऐसे अधिकार (शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा) का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३९ : कब ऐसे अधिकार (शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा) का विस्तार मृत्यू से भिन्न कोई अपहानि कारित करने तक का होता है : यदि अपराध पूर्वगामी (इससे पहले) अंतिम धारा ३८ में प्रगणित भांतियों में से किसी भांति का…

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Bns 2023 धारा ३८ : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यू कारित करने तक कब होता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३८ : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार मृत्यू कारित करने तक कब होता है : शरीर की निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा के अधिकार का विस्तार, पूर्ववर्ती अंतिम धारा ३७ में वर्णित निर्बंधनों के अधीन रहते हुए, हमलावर…

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Bns 2023 धारा ३७ : कोई कार्य, जिनके विरुध्द निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३७ : कोई कार्य, जिनके विरुध्द निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का कोई अधिकार नहीं है : १) उस कार्य के विरुद्ध, (a) क) यदि कोई कार्य या बात, जिससे मृत्यू या घोर उपहति की आशंका युक्तियुक्त रुप से कारित नहीं होती;…

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Bns 2023 धारा ३६ : ऐसे व्यक्ती के कार्य के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार, जो विकृत चित, आदि हो :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ३६ : ऐसे व्यक्ती के कार्य के विरुद्ध निजी (प्राइवेट) प्रतिरक्षा का अधिकार, जो विकृत चित, आदि हो : जबकि कोई कार्य या बात, जो अन्यथा कोई अपराध होता है, उस कार्य या बात को करने वाले व्यक्ती के बालकपन,…

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