Bns 2023 धारा १५ : न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १५ : न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश का कार्य : जो कोई बात, न्यायिकत: कार्य करते हुए न्यायाधीश द्वारा ऐसी किसी शक्ती के प्रयोग में की जाती है, जो या जिसके बारे में उसे सद्भावपूर्वक विश्वास है कि वह उसे…

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Bns 2023 धारा १४ : विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ अध्याय ३ : साधारण अपवाद : धारा १४ : विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) या तथ्य (वस्तुत:) की भूल के कारण अपने आपको विधि द्वारा बंधा हुआ (आबद्ध) होने का विश्वास करने वाले व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य : कोई बात,…

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Bns 2023 धारा १३ : पुर्व दोषसिद्धि के पश्चात् कतिपय (कुछ) अपराधों के लिए वर्धित (जादा/बढाकर) दण्ड :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १३ : पुर्व दोषसिद्धि के पश्चात् कतिपय (कुछ) अपराधों के लिए वर्धित (जादा/बढाकर) दण्ड : जो कोई व्यक्ती भारत में के किसी न्यायालय द्वारा इस संहिता के अधाय १० या अध्याय १७ के अधीन तीन वर्ष या उससे अधिक अवधि…

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Bns 2023 धारा १२ : एकान्त परिरोध की अवधि :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १२ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद) की अवधि : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद) के दण्डादेश के निष्पादन (अंमल) में ऐसा परिरोध किसी भी दशा में एक बार में चौदह दिन से अधिक न होगा, साथ ही ऐसे एकान्त परिरोध की कालावधियों के…

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Bns 2023 धारा ११ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ११ : एकान्त परिरोध (कारावास/कैद ) : कोई व्यक्ती ऐसे जब कभी ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहराया जाता है जिसके लिए न्यायालय को इस संहिता के अधीन उसे कठिन कारावास से दण्डादिष्ट करने की शक्ती है, तो न्यायालय अपने…

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Bns धारा १० : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह (शंका) है कि वह किस अपराध के लिए दोषी है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १० : कई अपराधों में से एक के दोषी व्यक्ती के लिए दण्ड जबकि निर्णय में यह कथित है कि यह संदेह (शंका) है कि वह किस अपराध के लिए दोषी है : जिनमें यह निर्णय दिया जाता है कि…

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Bns २०२३ धारा ९ : कई अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ९ : कई (एक से अधिक) अपराधों से मिलकर बने अपराध के लिए दण्ड की अवधि : १) जहा कोई बात (कुछ भी) जो अपराध है, जिनमें का कोई भाग स्वयं अपराध है, ऐसे भागों से मिलकर बनी है, वहा…

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भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ८ : जुर्माने की रकम, जर्माना आदि के भुगतान में व्यतिक्रम करने पर, दायित्व :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ८ : जुर्माने की रकम, जर्माना आदि के भुगतान में व्यतिक्रम करने पर, दायित्व : १) जहां जितना जुर्माना हो सकता है, वह राशि अभिव्यक्त (व्यक्त) नहीं की गई हेै, वहां अपराधी जिस रकम के जुर्माने का दायी है, वह…

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Bns 2023 धारा ७ : दण्डादिष्ट कारावास के (कतिपय (कुछ) मामलों में संपूर्ण कारावास) या उसका कोई भाग कठिन (सश्रम) या सादा हो सकेगा :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ७ : दण्डादिष्ट कारावास के (कतिपय (कुछ) मामलों में संपूर्ण कारावास) या उसका कोई भाग कठिन (सश्रम) या सादा हो सकेगा : जिसमें अपराधी दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय है, ऐसे हर मामले में वह न्यायालय,…

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Bns 2023 धारा ६ : दण्डावधियो की भिन्नें (सजा के मोमलें के भाग / अवधि ) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ६ : दण्डावधियो की भिन्नें (सजा के मोमलें के भाग / अवधि ) : जब तक अन्यथा उपबन्धित न हो दण्डावधियों की भिन्नों (भागों) की गणना करने में, आजीवन कारावास को बीस वर्ष के कारावास के तुल्य गिना जाएगा ।

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Bns 2023 धारा ५ : दण्डादेश का लघुकरण :

भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ५ : दण्डादेश का लघुकरण : समुचित सरकार, अपराधी की सम्मति के बिना इस संहिता के अधीन किसी दंड का, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ की धारा ४७४ के अनुसार, किसी अन्य दंड में लघुकरण कर सकेगी । स्पष्टीकरण :…

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भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा ४ : दण्ड (सजा / शिक्षा) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३अध्याय २ :दण्डों के विषय में :धारा ४ :दण्ड (सजा / शिक्षा) :अपराधी इस संहिता के उपबंधों के अधीन जिन दण्डों (सजा) से दण्डनीय हे वे इसप्रकार हैं-(a) क) मुत्यु;(b) ख) आजीवन कारावास;(c) ग) कारावास, जो दो भाँति का है, अर्थात् :१)…

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भारतीय न्याय संहिता धारा ३ : साधारण स्पष्टीकरण

भारतीय न्याय संहिता २०२३धारा ३ :साधारण स्पष्टीकरण और पद :१) इस संहिता में सर्वत्र, अपराध की हर परिभाषा, हर दण्ड उपबंध और, हर ऐसी परीभाषा या दण्ड उपबन्ध का हर दृष्टांत, साधारण अपवाद शीर्षक वाले अध्याय में अन्तर्विष्ट अपवादों के अध्ययीन समझा जाएगा, चाहे उन…

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भारतीय न्याय संहिता २०२३धारा २ :परिभाषाएं :

भारतीय न्याय संहिता २०२३धारा २ :परिभाषाएं :इस संहिता में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-१) कार्य - कार्य शब्द कार्यावली का द्योतक (समझा करना) उसी प्रकार है, जिस प्रकार एक कार्य का;२) जीवजन्तु (प्राणी) शब्द मानव से भीन्न कोई जीवधारी अभिप्रेत है;३)…

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भारतीय न्याय संहिता २०२३ धारा १ : संक्षिप्त नाम..

भारतीय न्याय संहिता २०२३(२०२३ का अधिनियम क्रमांक ४५)अपराधों और शास्तियों से संबंधित उपबंधों का समेकन और संशोधन तथा उससे संबद्ध या उससे आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए विधेयक भारत गणराज्य के चौहत्तरवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो :-अध्याय…

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