भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४७१ :
जिस धन का संदाय करने को आदेश दिया गया है उसका जुर्माने के रुप में वसूल किया जा सकना :
कोई धन (जो जुर्माने से भिन्न है ) जो इस संहिता के अधीन दिए गए किसी आदेश के आधार पर संदेय है और जिसकी वसूली का ढंग अभिव्यक्त रुप से अन्यथा उपबंधित नहीं है, ऐसे वसूल किया जा सकता है मानो वह जुर्माना है :
परन्तु इस धारा के आधार पर, धारा ४६१ के अधीन किसी आदेश को लागू होने में धारा ४०० का अर्थ इस प्रकार लगाया जाएगा मानो धारा ४६१ की उपधारा (१) के परन्तुक में धारा ३९५ के अधीन आदेश शब्दों और अंको के पश्चात् या खर्चों के संदाय के लिए धारा ४०० के अधीन आदेश शब्द और अंक अंत:स्थापित कर दिए गए है ।
