भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १३४ :
विधि सलाहकारों से गोपनीय संसूचनाएं :
कोई भी व्यक्ति किसी गोपनीय संसूचना को, जो उसके और उसके विधि सलाहकार के बीच हुई है, न्यायालय को प्रकट करने के लिए विवश नहीं किया जाएगा, जब तक कि वह अपने को साक्षी के तौर पर पेश न कर दे, ऐसे पेश करने की दशा में किन्हीं भी ऐसी संसूचनाओं को, जिन्हें उस किसी साक्ष्य को स्पष्ट करने के लिए जानना, जो उसने दिया है, न्यायालय को आवश्यक प्रतीत हो, प्रकट करने के लिए विवश किया जा सकेगा, किन्तु किन्हीं भी अन्य संसूचनाओं को नहीं ।
