भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३१५ :
साक्षी की भावभंगी (आचरण /ढंग) के बारे में टिप्पणियाँ :
जब पीठासीन न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट साक्षी का साक्ष्य अभिलिखित कर लेता है तब वह उस साक्षी की परिक्षा किए जाते समय उसकी भावभंगी के बारे में ऐसी टिप्पणियाँ भी अभिलिखित करेगा (यदि कोई हो ), जो वह तात्विक समझता है ।
