भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३५३ :
अभियुक्त व्यक्ती का सक्षम साक्षी होना :
१) कोई व्यक्ति, जो किसी अपराध के लिए किसी दण्ड न्यायालय के समक्ष अभियुक्त है, प्रतिरक्षा के लिए सक्षम साक्षी होगा और अपने विरुद्ध या उसी विचारण में उसके साथ आरोपित किसी व्यक्ती के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को नासाबित करने के लिए शपथ पर साक्ष्य दे सकता है :
परन्तु-
(a) क) वह स्वयं अपनी लिखित प्रार्थना के बिना साक्षी के रुप में न बुलाया जाएगा;
(b) ख) उसका स्वयं साक्ष्य न देना पक्षकारों में से किसी के द्वारा या न्यायालय द्वारा किसी टीका-टीप्पणी का विषय न बनाया जाएगा और न उससे उसके, या उसी विचारण में उसके साथ आरोपित किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई उपधारणा ही की जाएगी ।
२) कोई व्यक्ति जिसके विरुद्ध किसी दण्ड न्यायालय में धारा १०१ या धारा १२६ या धारा १२७ या धारा १२८ या धारा १२९ के अधीन या अध्याय १० के अधीन या अध्याय ११ के भाग (b) ख, भाग (c) ग या भाग (d) घ के अधीन कार्यवाही संस्थित की जाती है, ऐसी कार्यवाही में अपने आपको साक्षी के रुप में पेश कर सकता है :
परन्तु धारा १२७, धारा १२८ या धारा १२९ के अधीन कार्यवाही में ऐसे व्यक्ति द्वारा साक्ष्य न देना पक्षकारों में से किसी के द्वारा या न्यायालय के द्वारा किसी टीका-टिपण्णी का विषय नहीं बनाया जाएगा और न उसे उसके या किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध जिसके विरुद्ध उसी जाँच में ऐसे व्यक्ति के साथ कार्यवाही की गई है, कोई उपधारणा ही की जाएगी ।