Bnss धारा ३४७ : स्थानीय निरीक्षण :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३४७ :
स्थानीय निरीक्षण :
१) कोई न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट किसी जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही के किसी प्रक्रम में, पक्षकारों को सम्यक् सूचना देने के पश्चात् किसी स्थान में, जिसमें अपराध का किया जाना अभिकथित है, या किसी अन्य स्थान में जा सकता है और उसका निरिक्षण कर सकता है, जिसके बारे में उसकी राय है कि उसका अवलोकन ऐसी जाँच या विचारण में दिए गए साक्ष्य का उचित विवेचन करने के प्रयोजन से आवश्यक है और ऐसे निरीक्षण में देखे गए किन्हीं सुसंगत तथ्यों का ज्ञापन, अनावश्यक विलम्ब के बिना, लेखबद्ध करेगा ।
२) ऐसा ज्ञापन मामले के अभिलेख का भाग होगा और यदि अभियोजक, परिवादी या अभियुक्त या मामले का अन्य कोई पक्षकार ऐसा चाहे तो उसे ज्ञापन की प्रतिलिपि नि:शुल्क दी जाएगी ।

Leave a Reply