Bnss धारा ३१० : वारण्ट-मामलों में अभिलेख :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३१० :
वारण्ट-मामलों में अभिलेख :
१) मजिस्ट्रेट के समक्ष विचारित सब वारण्ट-मामलों में प्रत्येक साक्षी का साक्ष्य जैसे-जैसे उसकी परीक्षा होती जाती है, वैसे-वैसे या तो स्वयं मजिस्ट्रेट द्वारा लिका जाएगा या खुले न्यायालय में उसके द्वारा बोलकर लिखवाया जाएगा या जहाँ वह किसी शारिरिक या अन्य असमर्थता के कारण ऐसा करने में असमर्थ है, वहाँ उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त न्यायालय के किसी अधिकारी द्वारा उसके निदेशन और अधीक्षण में लिखा जाएगा ।
परन्तु यह कि इस उपधारा के अधीन किसी साक्षी के साक्ष्य को, अपराध को अभियुक्त व्यक्ति के अधिवक्ता की उपस्थिति में श्रव्य-दृश्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के द्वारा भी अभिलिखित किया जा सकेगा ।
२) जहाँ मजिस्ट्रेट साक्ष्य लिखवाए वहाँ वह यह प्रमाणपत्र अभिलिखित करेगा कि साक्ष्य उपधारा (१) में निर्दिष्ट कारणों से स्वयं उसके द्वारा नहीं लिखा जा सका ।
३) ऐसा साक्ष्य मामूली तौर पर वृत्तांत के रुप में अभिलिखित किया जाएगा किन्तु मजिस्ट्रेट स्वविवेकानुसार, ऐसे साक्ष्य के किसी भाग को प्रश्नोत्तर के रुप में लिख या लिखवा सकता है ।
४) ऐसे लिखे गए साक्ष्य पर मजिस्ट्रेट हस्ताक्षर करेगा और वह अभिलेख का भाग होगा ।

Leave a Reply