Bnss धारा ३०३ : धारा ३०२ के प्रवर्तन (क्रिया /प्रभाव) से कतिपय (कुछ) व्यक्तीयों को अपवर्जित (रोका जाना) करने की राज्य सरकार या केन्द्र सरकार की शक्ति :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३०३ :
धारा ३०२ के प्रवर्तन (क्रिया /प्रभाव) से कतिपय (कुछ) व्यक्तीयों को अपवर्जित (रोका जाना) करने की राज्य सरकार या केन्द्र सरकार की शक्ति :
१) राज्य सरकार या केन्द्रीय सरकार उपधारा (२) में विनिर्दिष्ट बातों को ध्यान में रखते हुए, किसी समय, साधारण या विशेष आदेश द्वारा, यह निर्देश दे सकती है कि किसी व्यक्ति को या किसी वर्ग के व्यक्तियों को उस कारागार से नहीं हटाया जाएगा जिसमें उसे या उन्हें परिरुद्ध या निरुद्ध किया गया है, और तब, जब तक ऐसा आदेश प्रवृत्त रहे, धारा ३०२ के अधीन दिया गया कोई आदेश, चाहे वह राज्य सरकार या केन्द्र सरकार के आदेश के पूर्व किया गया हो उसके पश्चात् ऐसे व्यक्ति या ऐसे वर्ग के व्यक्तियों के बारें में प्रभावी न होगा ।
२) उपधारा (१) के अधीन कोई आदेश देने के पूर्व, राज्य सरकार या जब मामला उसके केन्द्रीय अभिकरण द्वारा संस्थित है, तो केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित बातों को ध्यान रखेगी, अर्थात् –
(a) क) उस अपराध का स्वरुप जिसके लिए, या वे आधार, जिन पर, उस व्यक्ति को या उस वर्ग के व्यक्तियों को कारागार में परिरुद्ध या निरुद्ध करने का आदेश दिया गया है;
(b) ख) यदि उस व्यक्ति को या उस वर्ग के व्यक्तियों को कारागार से हटाने की अनुज्ञा दी जाए तो लोक-व्यवस्था में विघ्न की संभाव्यता;
(c) ग) लोक हित, साधारणत ।

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