भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २६८ :
अभियुक्त को कब उन्मोचित (दोषमुक्त / छोड देणा) किया जाएगा :
१) यदि धारा २६७ में निर्दिष्ट सब साक्ष्य लेने पर मजिस्ट्रेट का, उन कारणों से,जो लेखबद्ध किए जाएंगे, यह विचार है कि अभियुक्त के विरुद्ध ऐसा कोई मामला सिद्ध नहीं हुआ है जो अखंडित रहने पर उसकी दोषसिद्धि के लिए समुचित आधार हो तो मजिस्ट्रेट उसको उन्मोचित कर देगा .
२) इस धारा की कोई बात मजिस्ट्रेट को मामले के किसी पूर्वतन प्रक्रम में अभियुक्त को उस दशा में उन्मोचित करने से निवारित करने वाली न समझी जाएगी जिसमें ऐसा मजिस्ट्रेट ऐसे कारणों से, जो लेखबद्ध किए जाएंगे, यह विचार करता है कि आरोप निराधार है ।