भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २४ :
जुर्माना देने में व्यतिक्रम (अदायगी या भूगतान नहीं करना ) होने पर कारावास का दण्डादेश :
१) किसी मजिस्ट्रेट का न्यायालय जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर इतनी अवधि का कारावास अधिनिर्णीत कर सकता है जो विधि द्वारा प्राधिकृत है :
परन्तु वह अवधि :
(a) क) धारा २३ के अधीन मजिस्ट्रेट की शक्ती से अधिक नहीं होंगी;
(b) ख) जहाँ कारावास मुख्य दण्डादेश के भाग के रुप में अधिनिर्णीत किया गया है, वहाँ वह उस कारावास की अवधि के चौथाई से अधिक न होगी जिसको मजिस्ट्रेट उस अपराध के लिए, न कि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने पर दण्ड के तौर पर, देने के लिए सक्षम है ।
२) इस धारा के अधीन अधिनिर्णीत कारावास उस मजिस्ट्रेट द्वारा धारा २३ के अधीन अधिनिर्णीत की जा सकने वाली अधिकतम अवधि के कारावास के मुख्य दण्डादेश के अतिरिक्त हो सकता है ।