भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
अध्याय ११ :
लोक व्यवस्था और प्रशांति बनाए रखना :
(A) क – विधिविरुद्ध जमाव :
धारा १४८ :
सिविल बल के प्रयोग द्वारा जमाव को तितर-बितर करना :
१) कोई कार्यपालक मजिस्ट्रेट या पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी या ऐसे भारसाधक अधिकारी की अनुपस्थिति में उपनिरिक्षक की पंक्ति से अनिम्न कोई पुलिस अधिकारी किसी विधिविरुद्ध जमाव को, या पांच या अधिक व्यक्तियों के किसी ऐसे जमाव को, जिससे लोकशांति विक्षुब्ध होने की संभावना है, तितर-बितर होने को समादेश दे सकता है और तब ऐसे जमाव के सदस्यों का यह कर्तव्य होगा कि वे तद्नुसार तितर-बितर हो जाएँ ।
२) यदि ऐसा समादेश दिए जाने पर ऐसा कोई जमाव तितर-बितर नहीं होता है या यदि ऐसे समादिष्ट हुए बिना वह इस प्रकार से आचरण करता है, जिससे उसका तितर-बितर न होने का निश्चय दर्शित होता है, तो उपधारा (१) में निर्दिष्ट कोई कार्यपालक मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी उस जमाव को बल द्वारा तितर-बितर करने की कार्यवाही कर सकता है और किसी पुरुष से जो सशस्त्र बल का अधिकारी या सदस्य नहीं है और उस नाते कार्य नहीं कर रहा है, ऐसे जमाव को तितर-बितर करने के प्रयोजन के लिए, और यदि आवश्यक हो तो उन व्यक्तियों को, जो उसमें सम्मिलित है, इसलिए गिरफ्तार करने और परिरुद्ध करने के लिए कि ऐसा जमाव तितर-बितर किया जा सके या उन्हें विधि के अनुसार दण्ड किया जा सके, सहायता की अपेक्षा कर सकता है ।