भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १२ :
न्यायिक मजिस्ट्रेटों की स्थानीय अधिकिरिता :
१) उच्च न्यायालय के नियंत्रण के अधीन रहते हुए, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (दण्डाधिकारी), समय-समय पर उन क्षेत्रों की स्थानीय सीमाएँ परिनिश्चित कर सकता है जिनके अंदर धारा ९ या धारा ११ के अधीन नियुक्त मजिस्ट्रेट उन सब शक्तियों का या उनमें से किन्हीं का प्रयोग कर सकेंगे, जो इस संहिता के अधीन उनमें निहित की जाएँ :
परन्तु विशेष मजिस्ट्रेट का न्यायालय उस स्थानीय क्षेत्र के भीतर, जिसके लिए वह स्थापित किया गया है, किसी स्थान में अपनी बैठक कर सकता है ।
२) ऐसे परिनिश्चय द्वारा जैसा उपबन्धित है उसके सिवाय प्रत्येक ऐसे मजिस्ट्रेट की अधिकारिता और शक्तियों का विस्तार जिले में सर्वत्र होगा ।
३) जहाँ धारा ९ या धारा ११ के अधीन नियुक्त मजिस्ट्रेट की स्थानीय अधिकारिता का विस्तार, यथास्थिति, उस जिले, जिसके भीतर वह मामूली तौर पर अपनी बैठकें करता है बाहर किसी क्षेत्र तक है वहाँ इस सहिंता में सेशन न्यायालय या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के प्रति निर्देश का ऐसे मजिस्ट्रेट के सम्बन्ध में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, यह अर्थ लगाया जाएगा कि वह उसकी स्थानीय अधिकारिता के सम्पूर्ण क्षेत्र के भीतर उक्त जिला के सम्बन्ध में अधिकारिता का प्रयोग करने वाले, यथास्थिति, सेशन न्यायालय या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के प्रति निर्देश है ।