भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १२८ :
संदिग्ध व्यक्तियों से सदाचार के लिए प्रतिभूति (जमानत) :
जब किसी कार्यपालक मजिस्ट्रेट को इत्तिला मिलती है कि कोई व्यक्ति उसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर अपनी उपस्थिती छिपाने के लिए पूर्वावधानियाँ बरत रहा है और यह विश्वास करने का कारण है कि वह कोई संज्ञेय अपराध करने की दृष्टि से ऐसा कर रहा है, तब वह मजिस्ट्रेट ऐसे व्यक्ति से इसमें इसके पश्चात् उपबंधित रीति से अपेक्षा कर सकता है कि वह कारण दर्शित करे कि एक वर्ष से अनधिक की इतनी अवधि के लिए, जितनी वह मजिस्ट्रेट ठीक समझे, उसे अपने सदाचार के लिए बंधपत्र या जमानतपत्र निष्पादित करने के लिए आदेश क्यों न दिया जाए ।