Bns 2023 धारा १९९ : कोई लोकसेवक, जो विधि के अधीन के निदेश की अवज्ञा करता है :

भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १९९ :
कोई लोकसेवक, जो विधि के अधीन के निदेश की अवज्ञा करता है :
धारा : १९९
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कोई लोकसेवक, जो विधि के अधीन के निदेश की अवज्ञा करता है।
दण्ड : कम से कम छह मास के लिए कठोर कारावास जो दो वर्ष तक का हो सकेगा और जर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
———
जो कोई लोक सेवक होते हुए ,-
क) विधि के किसी ऐसे निदेश की, जो उसको किसी अपराध या किसी अन्य मामले में अन्वेषण के प्रयोजन के लिए, किसी व्यक्ति की किसी स्थान पर उपस्थिति की अपेक्षा किए जाने से, जानते हुए अवज्ञा करता है ; अथवा
ख) किसी ऐसी रीति को, जिसेमे वह ऐसा अन्वेषण करेगा, विनियमित करने वाली विधि के किसी अन्य निदेश की, किसी व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए, जानते हुए अवज्ञा करता है; अथवा
ग) भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३ की धारा १७३ की उपधारा (१) के अधीन, धारा ६४, धारा ६५, धारा ६६, धारा ६७ या धारा ६८ या धारा ७० या धारा ७१, धारा ७४, धारा ७६, धारा ७७, धारा ७९, धारा १२४ या धारा १४३ तथा धारा १४४ के अधीन दंडनीय संज्ञेय अपराध के संबंध में उसे दी गई किसी सूचना को लेखबद्ध करने में असफल रहता है,
वह कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास से कम नहीं होगी किन्तु जो दो वर्ष तक की हो सेकगी, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।

Leave a Reply