भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३४१ :
धारा ३३८ के अधीन दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकृत मुद्रा आदि को बनाना या कब्जे में रखना :
धारा : ३४१ (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : भारतीय न्याय संहिता की धारा ३३८ के अधीन दंडनीय कूटरचना करने के आशय से, मुद्रा, पट्टी, आदि बनाना या उनकी कूटकृति तैयार करना अथवा किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी, आदि को, उसे कूटकृत जानते हुए, वैसे आशय से अपने कब्जे में रखना ।
दण्ड : आजीवन कारावास ,या सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३४१ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : भारतीय न्याय संहिता की धारा ३३८ के अन्यथा दंडनीय कूटरचना करने के आशय से, मुद्रा, पट्टी, आदि बनाना या उनकी कूटकृति करना अथवा किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी, आदि को, उसे कूटकृत जानते हुए, वैसे आशय से अपने कब्जे में रखना ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३४१ (३)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी मुद्रा, पट्टी या अन्य लिखत को कूटकृत जानते हुए कब्जे में रखना ।
दण्ड : ३ वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३४१ (४)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी मुद्रा, पट्टी या अन्य लिखत को कूटकृत जानते हुए या विश्वास करणे का कारण रखते हुए कि वह कूटकृत है, कपटपूर्वक या बेईमानीसे असली के रुप में उपयोग में लाना ।
दण्ड : वह उसी प्रकार दंडित होगा, मानो उसने ऐसी मुद्रा, पट्टी या अन्य लिखत को कूटकृत किया है ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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१) जो कोई किसी मुद्रा, पट्टी या छाप लगाने के अन्य उपकरण को इस आशय से बनाएगा या उसकी कूटकृति तैयार करेगा कि उसे कोई ऐसी कूटरचना करने के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाए, जो इस संहिता की धारा ३३८ के अधीन दण्डनीय है, या इस आशय से, किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी या अन्य उपकरण को, उसे कूटकूत जानते हुए अपने कब्जे में रखेगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
२) जो कोई किसी मुद्रा, पट्टी या छाप लगाने के अन्य उपकरण को इस आशय से बनाएगा, या उसकी कूटकृति करेगा, कि उसे कोई ऐसी कूटरचना करने के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाए, जो धारा ३३८ से भिन्न इस अध्याय की किसी धारा के अधीन दण्डनीय है, या इस आशय से किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी या अन्य उपकरण को, उसे कूटकृत जानते हुए अपने कब्जे में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
३) जो कोई किसी मुद्रा, पट्टी या अन्य उपकरण को कूटकृत जानते हुए अपने कब्जे में रखेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
४) जो कोई किसी मुद्रा, पट्टी या अन्य उपकरण को कूटकृत जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखता हो, कपटपूर्वक या बेईमानी से असली के रुप में उपयोग करता है, वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा, मानो उसने ऐसी मुद्रा, पट्टी या अन्य उपकरण का निर्माण या कूटकृत किया हो ।