भारतीय न्याय संहिता २०२३
अध्याय १५ :
लोक स्वास्थ्य, क्षेम (सुरक्षा) सुवधिा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में :
धारा २७० :
लोक न्यूसेंस (कंटक / उपताप / व्याधा) :
वह व्यक्ती लोक न्यूसेंस (कंटक/उपताप) का दोषी है, जो कोई ऐसा कार्य करता है, या किसी ऐसे अवैध लोप का दोषी है, जिससे लोक को या जनसाधारण को जो आसपास में रहते हों या आसपास की संपत्ति पर अधिभोग रखते हों, कोई सामान्य क्षति, संकट या क्षोभ कारित हो या जिसमें उन व्यक्तीयों का जिन्हें किसी लोक अधिकार को उपयोग में लाने का मौका पडे, क्षति, बाधा, संकट या क्षोभ कारित होना अवश्यंभावी हो परंतु कोई सामान्य नूसेंस (कंटक / उपताप) इस आधार पर माफी योग्य नहीं है, कि उससे कुछ सुविधा या भलाई कारित होती है ।
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