Bns 2023 धारा २५१ : अपराधी के प्रतिच्छादन (बचने) के प्रतिफलस्वरुप उपहार की प्रस्थापना या सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन (बहाल करना) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २५१ :
अपराधी के प्रतिच्छादन (बचने) के प्रतिफलस्वरुप उपहार की प्रस्थापना या सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन (बहाल करना) :
धारा : २५१ (क)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अपराधी के प्रतिच्छादन के प्रतिफलस्वरुप उपहार की प्रस्थापना या सम्पत्ति का प्रत्यावर्तन, यदि अपराध मृत्यु से दंडनीय है ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
———
धारा : २५१ (ख)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास से दंडनीय है ।
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
———
धारा : २५१ (ग)
अपराध का वर्गीकरण :
यदि दस वर्ष से कम के लिए कारावास से दंडनीय है ।
दण्ड : उस दीर्घतम अवधि के एक चौथाई भाग का कारावास और उस भांति का कारावास, जो उस अपराध के लिए उपबंधित है, या जर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ती को कोई अपराध उस व्यक्ती द्वारा छिपाए जाने के लिए या उस व्यक्ती द्वार किसी व्यक्ती को किसी अपराध के लिए वैध दण्ड से प्रतिच्छादित (बचाना) किए जाने के लिए या उस व्यक्ती द्वारा किसी व्यक्ती को वैध दण्ड दिलाने के प्रयोजन से उसके विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही न की जाने के लिए प्रतिफलस्वरुप कोई पारितोषण देगा या दिलाएगा या देने या दिलाने की प्रस्थापना करार करेगा, या कोई सम्पत्ति प्रत्यावर्तित (बहाल) करेगा या कराएगा,-
क) यदि वह अपराध मृत्यु से दण्डनीय हो, तो वह दोनों में से किसी भांति कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ;
ख) यदि वह अपराध आजीवन कारावास से या दस वर्ष तक के कारावास से दण्डनीय हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय होगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ;
ग) यदि वह अपराध दस वर्ष से कम के कारावास से दण्डनीय हो, तो वह उस अपराध के लिए उपबंधित भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि उस अपराध के लिए उपबंधित कारावास की दीर्घतम अवधि के एक चौथाई तक की हो सकेगी, या जुमाने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
अपवाद :
इस धारा और धारा २५० के उपबंध ऐसे किसी मामले को विस्तारित नहीं करेंगे जिसमें अपराध का विधिपूर्वक शमन किया जा सके ।

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