भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २५० :
अपराधी को दण्ड से प्रतिच्छादित (दण्ड से बचाना) करने के लिए उपहार आदि लेना :
धारा : २५० (क)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अपराधी को दंड से प्रतिच्छादित करने के लिए उपहार आदि लेना, यदि अपराध मृत्यु से दंडनीय है ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
———
धारा : २५० (ख)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास से दंडनीय है ।
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
———
धारा : २५० (ग)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि दस वर्ष से कम के लिए कारावास से दंडनीय है ।
दण्ड : उस दीर्घतम अवधि के एक चौथाई भाग का कारावास और उस भांति का कारावास, जो उस अपराध के लिए उपबंधित है, या जर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
———
जो कोई अपने या किसी अन्य व्यक्ती के लिए कोई पारितोषण या अपने या किसी अन्य व्यक्ती के लिए किसी सम्पत्ति का प्रत्यास्थापन, किसी अपराध के छिपाने के लिए या किसी व्यक्ती को किसी अपराध के लिए वैध दण्ड से प्रतिच्छादित (बचाना) करने के लिए, या किसी व्यक्ती के विरुद्ध दण्ड दिलाने के प्रयोजन से उसके विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही न करने के लिए, प्रतिफल स्वरुप प्रतिगृहीत करेगा, या प्रतिगृहीत करने के लिए करार करेगा, या अभिप्राप्त करने का प्रयत्न करेगा,-
क) यदि वह अपराध मृत्यु से दण्डनीय हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी,और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा;
ख) यदि वह अपराध आजीवन कारावास या दस वर्ष तक के कारावास से दण्डनीय हो तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ;
ग) यदि वह अपराध दस वर्ष से कम तक के कारावास से दण्डनीय हो, तो वह उस अपराध के लिए उपबंधित भांति के कारावास से इतनी अवधि के लिए, जो उस अपराध के लिए उपबंधित कारावास की दीर्घतम अवधि की एक चौथाई तक की हो सकेगी या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।
Pingback: Ipc धारा २१३ : अपराधी को दण्ड से प्रतिच्छादित (दण्ड से ..