भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २२५ :
लोक सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से विरत के लिए किसी व्यक्ती को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति ( नुकसान / हानी ) करने की धमकी :
धारा : २२५
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : क्षति से संरक्षण के लिए वैध आवेदन देने से विरत रहने के लिए किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए उसे धमकी देना ।
दण्ड : एक वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ती को इस प्रयोजन से क्षति (नुकसान /हानी) की धमकी देगा की वह उस व्यक्ती को उत्प्रेरित करेन कि वह किसी क्षति से संरक्षा के लिए कोई वैध आवेदन किसी ऐसे लोक सेवक से करने से विरत रहे, या प्रतिविरत रहे जो ऐसे लोक सेवक के नाते ऐसी संरक्षा करने या कराने के लिए वैध रुप से सशक्त (समर्थ) हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
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