Bns 2023 धारा २०६ : समनों की तामील या अन्य कार्यवाही से बचने के लिए फरार हो जाना :

भारतीय न्याय संहिता २०२३
अध्याय १३ :
लोक सेवकों के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान (अपमान / तौहिन) के विषय में :
धारा २०६ :
समनों (अव्हान पत्र / हुक्मनामा) की तामील या अन्य कार्यवाही से बचने के लिए फरार हो जाना :
धारा : २०६ (क)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : लोक सेवक द्वारा निकाले गए समन की तामील से या की गई अन्य कार्यवाही से बचने के लिए फरार हो जाना ।
दण्ड : एक मास के लिए सादा कारावास, या पांच हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
———
धारा : २०६ (ख)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि वह समन या सूचना न्यायालय में वैयक्तिक हाजिरी आदि अपेक्षित करती है ।
दण्ड : छह मास के लिए सादा कारावास, या दस हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
———
जो कोई किसी ऐसे लोकसेवक द्वारा निकाले गए समन (अव्हान पत्र / हुक्मनामा), सूचना या आदेश की तामील से बचने के लिए फरार हो जाएगा, जो ऐसे लोक सेवक के नाते ऐसे समन, सुचना या आदेश को निकालने के लिए वैध रुप से सक्षम हो, –
क) वह सादा कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से दण्डित किया जाएगा;
ख) जहां ऐसा समन या सूचना या आदेश किसी न्यायालय में स्वयं या अभिकर्ता द्वारा हजिर होने के लिए, या दस्तावेज अथवा इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख पेश करने के लिए हो, तो वह सादा कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दस हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

This Post Has One Comment

Leave a Reply