भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २०१ :
कोई लोकसेवक, जो क्षति (हानी) कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचता है :
धारा : २०१
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कोई लोकसेवक, जो क्षति (हानी) कारित करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज रचता है ।
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास या जर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई लोकसेवक होते हुए और ऐसे लोक सेवक के नाते किसी दस्ताऐवज या इलेक्क्ट्रॉनिक अभिलेख की रचना या अनुवाद करने का भार वहन करते हुए उस दस्ताऐवज या इलेक्क्ट्रॉनिक अभिलेख का रचना, तैयार या अनुवाद ऐसे प्रकार से जिसे वह जानता हो या विश्वास करता हो कि अशुद्ध है, इस आशय से या संभाव्य जानते हुए करेगा कि एतद्द्वारा वह किसी व्यक्ति को क्षति (हानी) करित करे, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
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