भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १९१ :
बल्वा (उपद्रव / दंगा) करना :
धारा : १९१ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : बल्वा करना ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट
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धारा : १९१ (३)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : घातक आयुध से सज्जित होकर बल्वा करना ।
दण्ड : पांच वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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१) जब कभी विधिविरुद्ध जमाव द्वारा या उसके किसी सदस्य द्वारा ऐसे जमाव के सामान्य उद्देश्य को अग्रसर करने में बल या हिंसा का प्रयोग किया जाता है तब ऐसे जमाव का हर सदस्य बल्वा करने के अपराध का दोषी होगा ।
२) जो कोई बल्वा करने का दोषी होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
३) जो कोई घातक आयुध से, या किसी ऐसी चीज से जिससे आक्रामक आयुध के रुप में उपयोग किए जाने पर मृत्यु कारित होनी संभाव्य हो, सज्जित होते हुए बल्वा करने का दोषी होगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित होगा, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, या जर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
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