भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १७९ :
कूटरचित या कूटकृत सिक्के, सरकारी स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट को असली के रुप में उपयोग करना :
धारा : १७९
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कूटरचित या कूटकृत सिक्के, सरकारी स्टाम्प, करेंसी नोट या बैंक नोट को असली के रुप में उपयोग करना ।
दण्ड : आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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जो कोई किसी कूटरचित या कूटकृत सिक्के, किसी स्टाम्प, बैंक नोट, को यह जानते हुए या यह विश्वास का कारण रखते हुए आयात या निर्यात करेगा या बेचेगा या परिदत्त करेगा या क्रय करेगा या किसी अन्य व्यक्ति से प्राप्त करेगा या अन्यथा उसका दुर्व्यापार करेगा या असली के रुप में उपयोग करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से दंडनीय होगा ।
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