भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १७३ :
रिश्वत के लिए दण्ड :
धारा : १७३
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : रिश्वत ।
दण्ड : एक वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों, या यदि सत्कार के रुप में ही ली गई है तो केवल जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई रिश्वत का अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा :
परन्तु सत्कार के रुप में रिश्वत केवल जुर्माने से ही दण्डित की जाएगी ।
स्पष्टीकरण :
सत्कार से रिश्वत का वह रुप अभिप्रेत है जो परितोषण, खाद्य, पेय, मनोरंजन या रसद के रुप में है ।
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