भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १७२ :
निर्वाचनों मे प्रतिरुपण करना :
जो कोई किसी निर्वाचन में किसी अन्य व्यक्ति के नाम से, चाहे वह जीवित हो या मृत, या किसी कल्पित नाम से, मतपत्र के लिए आवेदन करता या मत देता है, या ऐसे निर्वाचन में एक बार मत देने के या दे चुकने के पश्चात् उसी निर्वाचन में अपने नाम के लिए आवेदन करता है, और जो कोई किसी व्यक्ति द्वारा किसी ऐसे प्रकार से मतदान को दुष्प्रेरित करता है, उपाप्त करता है या उपाप्त करने का प्रयत्न करता है, वह निर्वाचन में प्रतिरुपण का अपराध करता है :
परन्तु यह तब जबकि, इस धारा में का कुछ भी, उस व्यक्ति को लाू नहीं होगा, जिसको तत्ससमय प्रवृत्त किसी विधि के तहत, किसी मतदाता के लिए, परोक्षी (प्रतिपुरुष / प्रतिनिधी) के रुप में, मतदान करने के लिए प्राधिकृत किया गया है, जहां तक, वह ऐसे मतदाता के लिए एक परोक्षी (प्रतिपुरुष / प्रतिनिधी) के रुप में मतदान करता है ।
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