भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १७१ :
निर्वाचनों में असम्यक् (अनुचित) असर डालना :
१) जो कोई किसी निर्वाचन अधिकार के निर्बांध (मुक्त) प्रयोग में स्वेच्छया हस्तक्षेप करता है या हस्तक्षेप करने का प्रयत्न करता है, वह निर्वाचन में असम्यक् (अनुचित) असर डालने का अपराध करता है ।
२) उपधारा (१) के उपबंधों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जो कोई –
क) किसी अभ्यर्थी (उम्मीदवार) या मतदाता को, या किसी ऐसे व्यक्ति को जिससे अभ्यर्थी (उम्मीदवार) या मतदादा हितबद्ध है, किसी प्रकार की क्षति (हानी) करने की धमकी देता है, अथवा
ख) किसी अभ्यर्थी (उम्मीदवार) या मतदाता को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करता है या उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करता है कि वह या कोई ऐसा व्यक्ति, जिससे वह हितबद्ध है, दैवीय अप्रसाद या अध्यात्मिक परिनिन्दा का भाजन हो जाएगा, या दैवीय अप्रसाद या अध्यात्मिक परिनिन्दा का भाजन बना दिया जाएगा, यह समझा जाएगा कि वह उपधारा (१) के अर्थ के अन्तर्गत ऐसे अभ्यर्थी (उम्मीदवार) या मतदाता के निर्वाचन अधिकार के निर्बांध (मुक्त) प्रयोग में हस्तक्षेप करता है ।
३) लोक निती की घोषणा या लोक कार्यवाही का वचन या किसी वैध अधिकार का प्रयोग मात्र, जो किसी निर्वाचन अधिकार के हस्तक्षेप करने के आशय के बिना है, इस धारा के अर्थ के अन्तर्गत हस्तक्षेप करना समझा जाएगा ।
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