भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १५१ :
किसी विधिपूर्ण शक्ती का प्रयोग करने के लिए विवश करने या उसका प्रयोग अवरोधित करने के आशय से राष्ट्रपती, राज्यपाल आदि पर हमला करना :
धारा : १५१
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग करने के लिए विवश करने या उसका प्रयोग अवरोधित करने के आशय से राष्ट्रपति, राज्यपाल आदि पर हमला करना ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय।
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जो कोई भारत के राष्ट्रपती या किसी राज्य के राज्यपाल को ऐसे राष्ट्रपति या राज्यपाल की विधिपूर्ण शक्तियों में से किसी शक्ती का किसी प्रकार प्रयोग करने के लिए या प्रयोग करने से विरत रहने के लिए उत्प्रेरित करने या विवश करने के आशय से, ऐसे राष्ट्रपति या राज्यपाल पर हमला करेगा या उसका सदोष अवरोध करेगा, या सदोष अवरोध करने का प्रयत्न करेगा या उसे आपराधिक बल द्वारा या आपराधिक बल के प्रदर्शन द्वारा आतंकित करेगा या ऐसे आतंकित करने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से दण्डनीय होगा ।
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