भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १०३ :
हत्या के लिए दण्ड :
धारा : १०३ (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : हत्या ।
दण्ड : मृत्यु या आजीवन करावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : १०३ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : पांच या अधिक व्यक्तियों के समूह द्वारा हत्या ।
दण्ड : मृत्यु या आजीवन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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१) जो कोई हत्या करेगा, वह मृत्यु या आजीवन करावास से दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
२) जब पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों का समूह मिलकर मूलवंश, जाति या समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा निजी विश्वास या किसी अन्य समरुप आधार पर हत्या कारित करते है तो ऐसे समूह का प्रत्येक सदस्य मृत्यु या आजीवन कारावास के दंड से दडनीय होगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।