आयुध अधिनियम १९५९
धारा ३७ :
गिरफ्तारी और तलाशी :
इस अधिनियम में अन्यथा उपबंधित के सिवाय –
(a)क) इस अधिनियम के अधीन या तद्धीन बनाए गए किन्हीं भी नियमों के अधीन की गई, सब गिरफ्तारियां और तलाशियां १.(दण्ड प्रक्रिया संहिता १९७३ (१९७४ का २)) के उन उपबंधों के अनुसार की जाएगी जो उस संहिता के अधीन की गई क्रमश: गिरफ्तारियों और तलाशियों से संबंधित है ;
(b)ख) ऐसे व्यक्ति द्वारा जो मजिस्ट्रेट या पुलिस आफिसर न हो, इस अधिनियम के अधीन गिरफ्तार किया गया व्यक्ति और अभिगृहीत आयुध या गोलाबारुद अविलम्ब निकटतम पुलिस थाने के भारसाधक आफिसर को परिदत्त किया जाएगा और वह ऑफिसर –
एक) या तो उस व्यक्ति को, मजिस्ट्रेट के समक्ष उपसंजात होने के लिए उसके द्वारा प्रतिभूओं सहित या रहित बंधपत्र निष्पादित किए जाने पर छोड देगा और अभिगृहीत चीजों को मजिस्ट्रेट के समक्ष उस व्यक्ति के उपसंजात होने तक अपनी अभिरक्षा में रखेगा ; या
दो) यदि वह व्यक्ति बंधपत्र निष्पादित करने में या पर्याप्त प्रतिभू, यदि उससे वैसी अपेक्षा की जाए, देने में असफल रहे, तो उस व्यक्ति को और उन चीजों को अविलम्ब मजिस्ट्रेट के समक्ष, पेश कर देगा ।
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१. १९८३ के अधिनियम सं. २५ की धारा १४ द्वारा (२२-६-१९८३ से) दंड प्रकिया संहिता १८९८ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।